Saturday, June 11, 2011

FSI Blog: जोधपुर की यात्रा-1

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जोधपुर की यात्रा-1
11 Jun 2011, 7:10 am

प्रेषक : अरुण कुमार

मेरा नाम सोनिया है और मेरी उम्र 28 साल है मैं एक घरेलू महिला हूँ। मेरा फिगर 34-28-34 हैं मेरा एक दो साल का बेटा है, मेरे पति एक कम्पनी में मार्केटिंग मेनेजर हैं जो अक्सर टूर पर जाते रहते हैं। मैं बहुत कामुक हूँ, मेरी शादी को 5 साल हो चुके, जिसमें मैं कई पराये मर्दों से चुद चुकी हूँ। शादी से पहले भी मुझे कई लोगों ने चोदा है।

मैं एक बार की बात बताती हूँ। एक बार मेरे पति मुम्बई के टूर पर चार दिन के लिए चले गए। मैं घर पर अकेली हो गई तो मैंने सोचा कुछ शॉपिंग कर लूं इसलिए मैंने अपना पर्स उठाया और बेटे को नौकर के पास छोड़ कर चली गई और उसे कह दिया कि मैं शाम को जल्दी आ जाउंगी। मैं बस स्टॉप पर चल दी, मैंने नीले रंग की साड़ी और लो-कट ब्लाऊज पहन रखा था। वैसे मैं जींस, टी-शर्ट भी पहन लेती हूँ। मैंने जोधपुर में शॉपिंग करने का मन बना लिया और जोधपुर की बस में बैठ गई। लम्बे सफ़र के बाद मैं जोधपुर पहुँच गई।

मैंने जोधपुर में काफी सामान खरीद लिया और शॉपिंग करते करते कब शाम हो गई पता ही नहीं चला। तभी मैंने घड़ी में देखा तो साढ़े छः बज रहे थे।

मैं तुरंत बस स्टॉप पर पहुँची, स्टॉप बिल्कुल खाली था, मैं वहाँ बिल्कुल अकेली खड़ी थी। मन में अजीब सा डर था। वैसे तो पहले भी कई बार अकेले रात को घर गई थी पर आज पता नहीं क्यों !

खैर एक आदमी और आ गया जिसकी उम्र तीस साल के आस पास थी।

मैंने उससे पूछा- जयपुर की बस कितने बजे की है?

तो उसने पहले मुझे घूर कर देखा और कहने लगा- क्या आप पहली बार जोधपुर आई हैं?

मैंने हाँ में सिर हिला दिया।

उसने कहा- मैडम तभी आप ऐसा सवाल पूछ रही हैं। शायद आपको पता नहीं कि आखिरी बस सात बजे की है और वो भी आज जल्दी चली गई।

यह सुनकर मेरा दिमाग ख़राब हो गया, मैं अपना सिर पकड़ कर बैठ गई। तभी उस आदमी ने कहा- मैडम, अब तो अगली बस सुबह साढ़े ग्यारह बजे ही आएगी। लेकिन घबरायें मत ! एक लोकल जीप जो जयपुर-जोधपुर के चक्कर लगाती है, आने ही वाली होगी !

यह सुनकर मेरी सांस में सांस आई।

खैर थोड़ी देर बाद जीप आ गई लेकिन जीप एकदम खाली थी।

मैंने जीप के अन्दर देखा और थोड़ा सकपका गई, मैंने कहा- भाई, क्या आप जयपुर जायेंगे?

तो ड्राईवर ने मुझे ऊपर से नीचे देखने के बाद कहा- हां जी, क्यों नहीं !

तभी दूसरा आदमी जो स्टैंड पर खड़ा था, जीप में जाकर बैठ गया और अंदर से ही मुझे आवाज दे कर कहने लगा- आ जायें मैडम ! यह जयपुर जाएगा।

मैंने कहा- कितने पैसे लोगे?

तो उसने कहा- दोगुने पैसे देने होंगे, रात में पैसे दोगुने हो जाते हैं।

मैंने कहा- कोई बात नहीं भाई ! ठीक है !

और यह कह कर मैं जीप में बैठ गई। पहला वाला आदमी मुझे घूर रहा था, उसकी नज़र बार-2 मेरे उभारों पर जा रही थी, जैसे ही मैं उसे देखती वो नज़र हटा लेता।

तभी जीप वाले ने गाड़ी एक रेस्टोरेंट पर रोकी और हमें बोला- मैं एक मिनट में आता हूँ …

और भाग कर रेस्टोरेंट में चला गया। थोड़ी देर बाद जब वो आया तो ऐसा लगा कि जैसे उसने दारू पी रखी हो।

मैं डर गई। मैंने सोचा कहीं यह पीने के बाद सो ना जाये और गाड़ी का एक्सिडेंट न हो जाए, इसलिए मैं उससे बात करने लगी- भाई, कितना समय लगेगा जयपुर पहुँचने में?

तो वो बोला- मैडम चार घंटे तो लग ही जायेंगे क्योंकि रात का समय है, मैं गाड़ी धीरे ही चलाऊंगा।

यह सुनकर मेरा दिल शांत हो गया कि चलो गाड़ी धीरे चलेगी तो एक्सिडेंट का खतरा नहीं है।

जब मैं यह बात कर रही थी तो पहले वाला आदमी मुझे देख रहा था और मन ही मन खुश हो रहा था मानो मैं उससे बात कर रही हूँ।

तभी मैंने उससे पूछ लिया- आप क्यों खुश हो रहे हैं?

तो वो कुछ नहीं बोला और चुप हो गया। मैंने ड्राईवर की तरफ देखा, वो भी मुझे देख रहा था। तभी अचानक उस आदमी ने मेरे पैर पर अपना पैर रख दिया। मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुराने लगा। मैंने देखा कि ड्राईवर भी मुस्कुरा रहा है तो मैं भी मुस्कुरा गई। मेरी मुस्कराहट ने जीप की शांति भंग करने में बड़ा योगदान दिया और हम तीनों के बीच बातचीत शुरू हो गई। मैंने उन्हें अपना परिचय दिया और उन्होंने अपना !

ड्राईवर का नाम अनवर था और उस आदमी का नाम मंगतराम था। बात करते वक़्त मेरी नज़र जीप से बाहर गई तो देखा चारो तरफ सिर्फ रेत और तन्हाई ही थी। जीप की आगे वाली लाइट की रोशनी ही जीप में थोड़ा बहुत उजाला कर रही थी। मंगतराम भी जयपुर का ही था। उसने मेरा पता पूछा और कहने लगा- आपका घर तो मेरे घर के पास ही है !

यह कहने के बाद जीप में फिर से शांति हो गई। थोड़ी दूर चलने के बाद अनवर ने जीप रोकी और बोला- मैं अभी आता हूँ !

वह गाड़ी से उतर कर बाहर चला गया शायद पेशाब करने के लिए जा रहा था। थोड़ा आगे जाकर उसने वही किया जो मैंने सोचा था।

उसने अपना लिंग बाहर निकला और धार मारने लगा। शायद वह भूल गया था कि गाड़ी की लाइट जल रही है, उसका लिंग मुझे साफ़ नहीं पर ठीक दिख रहा था। उसका लिंग देखते हुए मैं यह भूल गई कि गाड़ी में कोई और भी है और उसके लिंग को निहारने लगी।
……
पूरी कहानी यहाँ है !

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